शनिवार, जुलाई 30, 2011

Zinda ho tum

दिलों में तुम अपनी

बेताबियाँ लेके चल रहे हो
तो ज़िंदा हो तुम

नज़र में ख्वाबों की
बिजलियाँ लेके चल रहे हो
तो ज़िंदा हो तुम

हवा के झोकोन के जैसे
आज़ाद रहनो सीखो
तुम एक दरिया के जैसे
लहरों में बहना सीखो
हर एक लम्हे से तुम मिलो
खोले अपनी बाहें
हर एक पल एक नया समा
देखें यह निगहाएँ

जो अपनी आँखों में
हैरानीयाँ लेके चल रहे हो
तो ज़िंदा हो तुम

दिलों में तुम अपनी
बेताबियाँ लेके चल रहे हो
तो ज़िंदा हो तुम

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