from orkut community
not mine
हर बात में सुकून हो यह हो नहीं सकता !
कोई बात कभी कलेजे के पार हो जाती !!
जुगनुओं ने अभी हिम्मत नहीं हारी है !
उनकी जंग अँधेरे के खिलाफ जारी है !!
सूखे पत्तों की तरह बिखरे थे हम...
किसी ने समेटा भी तो बस जलाने के लिए....
तुम मिले हो तो अब यही गम है......
प्यार ज्यादा है, ज़िन्दगी कम है....
तुम मिले हो तो अब यही गम है......
प्यार ज्यादा है, ज़िन्दगी कम है....
खुदा' होना था, तो हो जाते, किसने रोका था ?
कम से कम, दोस्ती का हुनर तो ज़िंदा रखते
तेरी खामोशी मुझे तेरी ओर खींचती है
मरी हर आह तेरी तकलीफ समझती है
मालूम है कि मजबूर है तू
फिर भी मेरी नज़र तेरे दीदार को तरसती है
कुछ तो मज़बूरियाँ रही होंगी, यूँ ही कोई बेवफा नहीं होता
दिल ने तो कहना बहुत चाहा मगर, क्या करें हौसला नहीं होता...
आज उनका शायराना अंदाज देख के दिल तड़प उठा...
जो हमेशा हमको कहते थे क्या बेतुकी बाते करते हो..
इश्क-ए-बुतां करूँ , कि यादे खुदा करूँ
इस छोटी सी उम्र में मैं क्या-क्या खुदा करूँ
जिंदगी आधी बीत गयी चंद रिश्तों को निभाने मैं,
कुछ रूठने में कुछ मानाने मैं,
वक्त बदला रिश्ते बदले रिस्तो के अब तो मायने बदल गए,
अब बीतता है सारा वक्त,
उन अपनों को भुलाने मैं...♪
किसी से बात कोई आजकल नहीं होती
इसीलिए तो मुकम्म्ल ग़ज़ल नहीं होती
ग़ज़ल सी लगती है लेकिन ग़ज़ल नहीं होती
सभी की ज़िंदगी खिलता कँवल नहीं होती
तमाम उम्र तजुर्बात ये सिखाते हैं
कोई भी राह शुरु में सहल नहीं होती
मुझे भी उससे कोई बात अब नहीं करनी
अब उसकी ओर से जब तक पहल नहीं होती
वो जब भी हँसती है कितनी उदास लगती है
वो इक पहेली है जो मुझसे हल नहीं होती
आज फिर यह आँखें नम क्यूँ हैं,
जिसे पाया ही नहीं उसे खोने का गम क्यूँ है,
तुझसे मिलके बिछड़े तोह एहसास हुआ,
कि ज़िन्दगी इतनी कम क्यूँ है... :-(
देख ले ज़ालिम शिकारी ! माँ की ममता देख ले
देख ले चिड़िया तेरे दाने तलक तो आ गई
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है
जब कभी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है
शरारत न होती तो शिकायत न होती नैनो में किसी के नजाकत न होती
न होती बेकरारी न होते हम तन्हां अगर जहाँ में ये मोहब्बत न होती
हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी,
फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी,
सुबह से शाम तक बोझ ढ़ोता हुआ,
अपनी लाश का खुद मज़ार आदमी,
हर तरफ भागते दौड़ते रास्ते,
हर तरफ आदमी का शिकार आदमी,
रोज़ जीता हुआ रोज़ मरता हुआ,
हर नए दिन नया इंतज़ार आदमी,
जिन्दगी का मुक्कदर सफ़र दर सफ़र,
आखिरी साँस तक बेकरार आदमी
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1 टिप्पणी:
wonderful..
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