रविवार, सितंबर 01, 2013

Meri Pasand

from my twitter timeline

तर्के-मोहब्बत करने वालों, कौन ऐसा जग जीत लिया / इश्क के पहले के दिन सोचो, कौन बडा सुख होता था

kifayat ehsaason mein rakhna, aisi bhi kya kadki hai?

'Between my finger and my thumb The squat pen rests; snug as a gun.' ~ Seamus Heaney, Irish poet, dies at 74

जिसे पढने से पहले चूमती तुम , मैं उस बेनाम खत जैसा रहा हूँ ।

Dil dharkne laga hai seene main ... Kya mera naam phir liya tum ne

मोहब्बत ज़िन्दगी की सबसे मुश्किल आजमाईश है, मगर ये आजमा लेने के काबिल आजमाईश है ...

Mausam ki misaal dun ya tumhari....?????? Koi pooch baitha hai,badalna kis ko kehtay hain.

Ap se Bicher kr Hoosh Salamat hai Magar,,, // Mai'n Rasto'n se Ghar ka Pata puchta hun

सूफी संत चले गए, सब जंगल की ओर। मंदिर मस्जिद में मिले, रंग बिरंगे चोर ।।

A girl realizes the pain of break up only when...................................She has to pay the pizza bill herself...

किसे पता था तुझे इस तरह सजाऊँगा। जमाना देखेगा और मैं न देख पाऊँगा।

Hijaar Kay Lamhay Zakhmi, Zakhmi Uski Yadain Marhum, Marhum. . .

Ajab rangon main guzri hai zindagi apni, Dilon pe raaj kia lekin muhabbat se mehroom rahe.

Give yourself permission to immediately walk away from anything that gives you bad vibes. No need to explain or try to make sense of it.

'Come back and make up a goodbye at least. Let's pretend we had one.' ~ Eternal Sunshine Of The Spotless Mind

Constantly talking isn't necessarily communicating. ~ Eternal Sunshine Of The Spotless Mind

Behen,Kaise kar leti ho 24*7 Ranting?

ज़रा सा दिलफेंक है वो , पसंदीदा अदा थी वो, फिर उसका फेंका हुआ दिल कोई और ले गया और उसने ले जाने दिया।

दिल हो रहा है देर से खामोश झील सा / क्या दोस्तों के हाथ में पत्थर नहीं कोई ?.


तेरी महफ़िल से उठे तो किसी को खबर तक ना थी, तेरा मुड़-मुड़कर देखना हमें बदनाम कर गया

हम न समझे .. तेरी नज़रों का तक़ाज़ा क्या है ..! कभी परदा कभी जलवा .. ये तमाशा क्या है ..!!

अब जो सर नहीं तेरा .. मेरे काँधों पर .. उंगलियाँ कुछ बेरोज़गार सी है ...........!

किस किस की मानें, किस किस की सुनें / चलिए दो पल अपनी मर्ज़ी से जियें ~

मंदिरों में सफाई की दशा से विश्वास दृढ़ होता है कि भगवान को वाराहावातार में रहना प्रिय है।

"ChaLo MaaNa Tumhari AadaT Hai TarpaaaNa",! "Zara SochO, Koi Mar Gya To KYaa KrO Gy",!

दिल भी बुझा हो शाम की परछाइयाँ भी हों मर जाइये जो ऐसे में तन्हाइयाँ भी हों

वो मेरी नही किसी और की किस्मत में है, अगर ये सच भी है तो मुझे बताया ना करो..

करूं न याद उसे मगर किस तरह भुलाऊं उसे ग़ज़ल बहाना करूं और गुनगुनाऊं उसे।

कभी वो गुफ़्तगू जैसे के कुछ छुपा ही नहीं, कभी वो बोलती आँखों का राज़ हो जाना

हंगामा हैं क्यूँ बरपा .....एक ट्वीट ही तो चुराई है

"आसमां के पार शायद और कोई आसमां होगा // बादलों के पर्वतों पर कोई बारिश का मकां होगा"

"कलियों का चमन, जब बनता हैं" तो क्या क्या सामाग्री लगती है...विस्तृत वर्णन करें? :P

फ़ोन वो खुशबू कहाँ से लाएगा वे जो आती थी तुम्हारी चिट्ठियों से

ये रेशमी डोरियाँ क्यों , कहाँ -कहाँ ,किस -किस तरह जुडी हैं। ……………जाने वही जाने !!

वो शाख़ है न फूल, अगर तितलियाँ न हों... वो घर भी कोई घर है जहाँ बच्चियाँ न हो...

कुछ दिन तो बसो मेरी आँखों में ... फिर ख्वाब अगर हो जाओ तो क्या

उनको देखने की चाह में ज़िंदगी तमाम हुई जाती है कल की किसको ख़बर यहाँ यहाँ तो आज की भी शाम हुई जाती है

मरने की बात पर जो रखते थे उंगलियाँ मेरे होंठो पर.......आगे चल के वही लोग मेरे कातिल निकले ....!!

कोई अपना नहीं है अपने सिवा, दूसरा दूसरा ही होता है

बिन किराये के ले लिया मुझसे ............ एक हिस्सा मकान चिड़िया ने

चेहरा वही था चेहरे का लिबास वही था कैसे उसे बेवफा कह दूं ,, आज भी देखने का अंदाज़ वही था..

तू मेरे पास भी हैं, तू मेरे साथ भी हैं फिर भी तेरा इंतज़ार हैं

""अगर शिकवे है तो गुफतगु करो, यूं चुप रहने से दुश्मनी का गुमा होता है....(*)

मेरे इरादे ही खुद मेरी तकदीर बदलेगे मेरी किस्मत नही मोहताज हाथो की लकीरो की ।।।

ये फ़ासले तेरी गलियों के हमसे तय ना हुए हज़ार बार रुके हम हज़ार बार चले

खुशियाँ प्रीमियम की तरह आयीं.....जिंदगी के खाते में.....

नरेंद्र = नर + इन्द्र = नरों के देव । राहुल= राहु + ल = नाम मे ही पनौती साला...!!

दुकान तो लगा ली उन्होंने मोहब्बत की - पर पता चला है की सामान मिलावटी है!

दो मुट्ठी सिक्कों के बदले मुट्ठी एक अनाज की, जय हो ऐसे लोकतंत्र की जय हो ऐसे राज़ की.

वो घर में मेज़ पे कोहनी टिकाये बैठी है / थमी हुई है वहीं उम्र आजकल, लोगो 

हाल-ए-दिल नहीं मालूम, लेकिन इस कदर यानी / हमने बारहा ढूँढा, तुमने बारहा पाया ...

Na main tumse koi ummeed rakkhoon dil-nawazi ki Na tum meri taraf dekho galat-andaaz nazron se

जब मैं रातो में, तारे गिनता हूँ / और तेरे कदमों की, आहट सुनता हूँ / लगे मुझे हर तारा, तेरा दर्पण

"Inteha ho gayi intezaar ki, Maa ki aankh, aise pyaar ki."

 

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