गुरुवार, सितंबर 09, 2010

केदार

this is the title of a very good song by a Pakistani rock band called 'noori'. Some interesting facts...

1. these guys are LUMS alums
2. their dad forms part of secular core of PPP has been jailed many times by army, is an exponent of indian classical music, running a music school with very indic name and has even invented an instrument called 'sagar vina'
3. their songs have indic motive e.g. this song which is another name of siva but chaps have got talent if India was undivided they would have been really famous..

आ आअ आअ आ
आ आअ आअ आ

छीन गया तेरे दिल का चैन अब
(अब) छाई केदार और भीगे तेरे नैना

लूट गयी तेरे मान की आस
गुम सुम उदास ये रोग तो है सहना

सपना सज़ा के, सब से पा के
डोर समंदर आग भड़के है

जग से ओझल, मंन के अंदर
हर किनारे ढ़ूनडते फिरे

वो हीरे मोती, हम को मिल जाएँ
कुछ तोड़ के आए, कुछ जोड़ के आए

हम आग के पांच्ची

अब दे चुके, वो इंतेहाँ
दिल पर सहे जिन के निशान

डोर, जल रहा मकान
निकला अभी, ये कारवाँ

धूम छा, धूम छा...(4)

ढल जाएगी ये गुम की रात
बरसेंगे मोती, फूल भी खिलेंगे

चीन गये जो थे चिराग
हम जूसतुजू मैं और भी ... गे

कल को जगाने, ये दीवाने
रोशनी (ले) कर चलेंगे

मन के अंदर, आसमान को
हर दिशा में ढूनडते फिरे वो!

(वो) हीरे मोटी, हम को मिल जाएँ
सब छोड़ के आए, सब तोड़ के आए

हम आग के पंछी!!

हम दे चुके, वो इंतेहाँ
दिल पर सहे, जिन के निशान

दूर, जल रहा मकान
निकला अभी, ये कारवाँ!

रुकता नहीं, ये कारवाँ!!

धूम तारा देने ना, देने ना, देने ना..(4)

... .... ... जहाँ
राख वो, नये मकान

जिन की है, तलाश वो
(धूल) गये, सब वो निशान

धीं ताना, देने नाना, देने ना...(10-14)

हमारे संग चले
जैसे जोगी बने

हमारे संग चले अब ये...!
हम छोड़ के आए, अब तोड़ के आए!

हम आग के पंचिी

हम दे चुके, वो इंतेहाँ
दिल पर सहे, जिन के निशान

डोर, जल रहा मकान
निकला अभी, ये कारवाँ!

रुकता नहीं, ये कारवाँ!!

हम दे चुका, वो इंतेहाँ
दिल पर सजे, जिन के निशान

दूउर, जल रहा मकान
निकला अभी, ये कारवाँ!

रुकता नहीं, ये कारवाँ!!

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